श्रीलंका ने चीन के लिए क्या नहीं कहा, नेहरू का श्रेय भी उसे दिया
BBC
चीन को लेकर श्रीलंका में काफ़ी उठापटक की स्थिति रहती है. ख़ासकर चीन के बढ़ते क़र्ज़ों को लेकर चिंता जताई जाती है. लेकिन श्रीलंका की सरकार चीन के लिए पूरी तरह से क़ुर्बान दिख रही है.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने चीन की तारीफ़ में क्या कुछ नहीं कहा. उन्होंने वो बातें भी कहीं जो चीन की छवि के बिल्कुल उलट हैं. श्रीलंकाई पीएम महिंदा राजपक्षे ने चीन की प्रशंसा करते हुए कहा है कि चीन ने कभी भी अपने राजनीतिक विचारों को दुनिया पर थोपने की कोशिश नहीं की है. उन्होंने कहा कि चीन ने कभी दूसरे देशों के मामलों में दख़ल देने की ज़रूरत नहीं समझी. महिंदा राजपक्षे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 100वीं सालगिरह के मौक़े पर एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. श्रीलंका और चीन के कूटनीतिक संबंधों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "श्रीलंका ने चीन की सरकार के साथ साल 1957 में राजनयिक रिश्ते बनाए थे. हालांकि हमारे देश की वामपंथी पार्टियों के चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से काफ़ी पहले से रिश्ते थे. ख़ासकर श्रीलंका की कम्युनिस्ट पार्टी के सीपीसी से 1940 से संबंध हैं."More Related News