वरिष्ठ स्तर पर महिलाओं की नियुक्ति लैंगिक रूढ़ियों को बदल सकती है: न्यायमूर्ति नागरत्ना
NDTV India
न्यायमूर्ति नागरत्ना 2027 में भारत की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बन सकती हैं.
उच्चतम न्यायालय (Suprme Court) की न्यायाधीश बी. वी. नागरत्ना (B V Nagarathna) ने रविवार को कहा कि न्यायपालिका में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने से व्यापक तरीकों से लैंगिक समानता (Gender Equality) की भूमिका को बढ़ावा मिलता है. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से न्यायिक क्षेत्र में वरिष्ठ स्तर पर महिलाओं की नियुक्तियां लैंगिक रूढ़ियों को बदल सकती हैं, जिससे पुरुषों और महिलाओं की उचित भूमिकाओं के प्रति दृष्टिकोण और धारणा में बदलाव होगा.
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