
लॉकडाउन में मेड नहीं? ये है घर में पोछे का रोबोटिक जुगाड़
The Quint
Robotic floor cleaner: लॉकडाउन में मेड नहीं? ये है घर में पोछे का रोबोटिक जुगाड़. जानिए कितने तरह के रोबोटिक फ्लोर क्लीनर मार्केट में हैं Indians are buying floor-cleaning robots amid corona lockdown
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण देश के कई राज्यों में लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू जैसे हालात हैं. ऐसे माहौल में देश के शहरी इलाकों में घरेलू काम को आसान बनाने और बेहतर सफाई के लिए परिवारों द्वारा रोबोटिक क्लीनर जैसे विकल्प चुने जा रहे हैं... पुणे में रहने वाली 38 वर्षीय गृहणी वैशाली शिंदे ने पिछले सप्ताह ही रोबोटिक फ्लोर क्लीनर खरीदा है. वैशाली कहती है कि "हर वक्त घर पर सफाई करना काफी मुश्किल काम है. घर में जब और भी कई तरह के काम होते है तो उनके मारामारी के बीच यह काम बिना कामवाली (मेड) के मेरे लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाता है."शिंदे ने अमेरिका में अपनी दोस्त से रोबोट वैक्यूम क्लीनर चलाना सीखा था. जब उन्हें इसकी जरूरत महसूस हुई तो उन्होंने ऑनलाइन सर्च किया और इस डिवाइस को ऑर्डर कर दिया. वे कहती हैं कि "इसको ऑपरेट करना काफी आसान है. आपको बस इसको स्टार्ट करना है और यह ऑटोमैटिक फर्श पर झाडू-पोछा लगाने का काम करने लगता है."बॉलीवुड की फिल्मों में "रामू काका" नाम ने घर के नौकर के तौर पर अपनी खास पहचान बनाई है. इसीलिए वैशाली शिंदे ने अपने रोबोटिक फ्लोर क्लीनर को "रामू काका" के नाम से पुकारती हैं.महामारी के दौर में रोबोटिक क्लीनर की बढ़ती मांगकोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जब अपना कहर दिखाना शुरू किया तो देश में कई सोसायटीज ने घरेलू कामवाली/कामवालों की एंट्री में रोक लगाना शुरु कर दिया. इस दौर में भारतीय घर-परिवारों में रोबोटिक क्लीनर ने लोकप्रियता हासिल करना शुरु कर दिया. ये रोबोट सफाई की पूरी प्रक्रिया ऑटोमैटिक तरीके से करते हैं. यह फ्लोर में पड़ी किसी भी अनावश्यक वस्तु को सेंस करके अलर्ट करते हैं और रुकावट की पहचान कर उसके अनुसार रास्ता बनाते हुए कुशलता से सफाई करते हैं. ये रोबोट वाइस कमांड को भी पहचानने में सक्षम हैं.बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भारत में लगभग 10 हजार फ्लोर क्लीनर की बिक्री हुई है. इसमें घरेलू रोबोटिक कंपनी Milagrow और iRobot की लगभग 90 फीसदी बिक्री शामिल रही है. लगभग 35 हजार से 40 हजार की कीमत वाले इन क्लीनिंग बॉट्स को बड़े पैमाने पर अस्पतालों द्वारा कीटाणुरहित क्षेत्रों और वार्डों की साफ सफाई के लिए खरीदा जाता है. क्योंकि इसमें रखरखाव की बहुत कम जरूरत होती है.लेकिन ...More Related News
