
लखीमपुर हिंसा: केंद्रीय मंत्री के बेटे को ज़मानत देने की विपक्ष और किसान संगठनों ने की निंदा
The Wire
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा को ज़मानत मिलने पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि राजनीतिक रूप से शक्तिशाली आरोपी के गवाहों को प्रभावित करने की पक्की संभावना पर विचार किए बिना अदालत का ज़मानत देना बेहद निराशाजनक है.
नई दिल्ली/नोएडा/रामपुर: पिछले साल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा के दौरान एसयूवी से कुलचकर चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को बीते बृहस्पतिवार को जमानत मिलने की विपक्ष समेत विभिन्न किसान संगठनों ने निंदा की है. क्या व्यवस्था है!! लखीमपुर खीरी हत्याकांड में मंत्री अजय टेनी के बेटे आशीष को जमानत मिल गई। बीजेपी की ओछी राजनीति का ये नमूनाभर है।हमें न्याय प्रणाली पर भरोसा है। बड़ी अदालत में अपील करेंगे।
आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे हैं. इस हिंसा में चार किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी. चार किसानों को रौंदा, चार महीनों में ज़मानत… किसानों पर हो रहे अत्याचार और अन्याय के लिए देशभर के किसानों और युवाओं को जागरूक करेंगे ।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने की निंदा की और कहा कि यह आदेश निष्पक्ष जांच की उम्मीद पर पानी फेरता है. — Jayant Singh (@jayantrld) February 10, 2022 — Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) February 10, 2022
40 से अधिक किसान संघों के संगठन ने एक बयान में कहा, ‘लखीमपुर खीरी हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दुर्भाग्यपूर्ण और आश्चर्यजनक है.’
