राम-कृष्ण के बिना भारत की संस्कृति अधूरी, उनके सम्मान के लिए क़ानून बने: इलाहाबाद हाईकोर्ट
The Wire
भगवान राम और कृष्ण के ख़िलाफ़ अश्लील टिप्पणी करने के आरोपी एक को ज़मानत देते हुए जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि राम इस देश के हर नागरिक के दिल में बसते हैं, वह भारत की आत्मा हैं. बीते सितंबर महीने में एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस यादव ने कहा था कि संसद को गाय को ‘राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने वाला क़ानून बनाना चाहिए और गायों को मौलिक अधिकारों के दायरे में शामिल करना चाहिए.
नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि भगवान राम, कृष्ण, रामायण, गीता और इसके लेखकों महर्षि वाल्मीकि तथा महर्षि वेदव्यास देश की विरासत का हिस्सा हैं और भारतीय संसद में एक कानून लाकर उन्हें राष्ट्रीय सम्मान दिए जाने की जरूरत है.
समाचार वेबसाइट बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक पर भगवान राम और कृष्ण के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने के आरोपी आकाश जाटव उर्फ सूर्य प्रकाश को जमानत देते हुए जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने ये टिप्पणी की.
कोर्ट ने कहा, ‘आरोपी द्वारा भारत के महापुरुषों भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के बारे में की गई अश्लील टिप्पणी, इस देश के बहुसंख्यक लोगों की आस्था पर चोट है और यह समाज में शांति और सद्भाव को बिगाड़ती है और इसका खामियाजा निर्दोष लोगों को भुगतना पड़ रहा है.’
इसके अलावा यह भी टिप्पणी की गई कि अगर अदालत ऐसे लोगों के साथ उदार होती है, तो यह उनके लिए मनोबल बढ़ाने वाला होगा और उनका आचरण देश में सद्भाव को खराब करेगा.