रस्किन बॉन्ड, जिनका बचपन उदासी भरा रहा, लेकिन कलम ने हमेशा कागज पर शरारत लिखी
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86 साल की उम्र, चेहरे पर आ गई झुर्रियों के बीच छिपे होठों से खुलते ठहाके और बीमारी के बावजूद हमेशा खुशदिली को ही ओढ़ने-बिछाने वाले बॉन्ड, जितने वह बच्चों को प्यारे के हैं और उतना ही वह खुद बच्चों को प्यार करते हैं.
नई दिल्लीः साल 2005 में फिल्म आई थी 'द ब्लू अम्ब्रेला' पर्दे पर दिखाने के लिए इस फिल्मी कहानी में निर्देशक विशाल भारद्वाज ने रचनात्मक छूट ली थी, लेकिन असल कहानी लिखी थी रस्किन बॉन्ड ने. कहानी में एक नीली छतरी का किरदार मुख्य है और जिस प्यारी सी पहाड़ी लड़की के हाथ में वह छतरी है, वह बहुत ही सरल और सहज है. खुशदिल मिजाज हैं रस्किन बस इतने ही सरल हैं रस्किन बॉन्ड. 86 साल की उम्र, चेहरे पर आ गई झुर्रियों के बीच छिपे होठों से खुलते ठहाके और बीमारी के बावजूद हमेशा खुशदिली को ही ओढ़ने-बिछाने वाले बॉन्ड, जितने वह बच्चों को प्यारे के हैं और उतना ही वह खुद बच्चों को प्यार करते हैं.More Related News