
यूक्रेन से भारत लौटी छात्रा ने छोड़ दी थी वापसी की उम्मीद, गोलियों के साये में पैदल पहुंची थी रोमानिया बॉर्डर
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यूक्रेन से वापस शाहजहांपुर आई मेडिकल की एक छात्रा ने वहां के हालात बताए. छात्रा ने बताया कि उसे सायरन की आवाज से काफी डर लगने लगा है और उसने अपने देश वापस आने की आस ही छोड़ दी थी. उसे लगा था कि वह अब कभी अपने माता-पिता के सीने से नहीं लग पाएगी.
नई दिल्लीः यूक्रेन से वापस शाहजहांपुर आई मेडिकल की एक छात्रा ने वहां के हालात बताए. छात्रा ने बताया कि उसे सायरन की आवाज से काफी डर लगने लगा है और उसने अपने देश वापस आने की आस ही छोड़ दी थी. यूक्रेन के विन्नित्सिया शहर में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली अंशिका ने कहा कि उसे लगा था कि वह अब कभी अपने देश भारत वापस नहीं आ पाएगी, अपने माता-पिता के सीने से नहीं लग पाएगी, क्योंकि स्थितियां इतनी जटिल थीं कि साथ रह रहे बच्चे ही एक दूसरे को ढांढस बंधा कर एक-दूसरे का दर्द बांट रहे थे.
रोमानिया की सीमा की ओर पैदल निकले अंशिका बताती हैं कि 26 फरवरी को वह विन्नित्सिया से चेर्नित्सि के लिए 50 बच्चों के समूह के साथ बस से निकलीं और 10 घंटे के सफर के बाद रात में वहां पहुंच गईं. उन्होंने बताया कि इसके बाद रात में ही छह किलोमीटर पैदल चलकर बच्चों का यह समूह रोमानिया की सीमा की ओर चल दिया.

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