यरुशलम के नाम पर हल्की सी चिंगारी शोले की शक्ल क्यों एख्तियार कर लेती है? समझिए आसान ज़बान में
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The Palestinian-Israeli conflict: फ़िलिस्तीनियों और इसराइल के दरमियान ये अचानक से होने वाली कोई जंग नहीं है. बल्कि ये विवाद सदियों पुराना है. तो सवाल उठता है कि आखिर यरुशलम दुनिया के लिए इतना अहम क्यों हैं ? यरुशलम के नाम पर ज़रा सी बात में खून-खराबे क्यों हो जाते हैं ?
नई दिल्ली/ सैयद अब्बास मेहदी रिज़वी: इसराइली सेना और फ़िलिस्तीनी हमास के बीच लगातार पाँचवें दिन जंग जारी है. इसराइल ने गाज़ा में अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है, वहीं फ़िलिस्तीनी इसराइल में रॉकेट दाग रहे हैं. इसराइल के पीएम बिन्यमिन नेतन्याहू ने कहा है कि इसराइली सेना गाज़ा में जबतक ज़रूरी हुआ फौजी कार्रवाई करती रहेगी. जुमे की सुबह उन्होंने एक बयान में कहा कि "हमास को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी". वहीं हमास के फ़ौजी तर्जुमान ने कहा है कि इसराइली फ़ौज ने अगर ज़मीनी कार्रवाई करने का फ़ैसला किया तो वो उसे "कड़ा सबक" सिखाने के लिए तैयार हैं. फ़िलिस्तीनी और इसराइल के दरमियान ये अचानक से होने वाली कोई जंग नहीं है. बल्कि ये विवाद सदियों पुराना है. तो सवाल उठता है कि आखिर यरुशलम दुनिया के लिए इतना अहम क्यों हैं ? यरुशलम के नाम पर ज़रा सी बात में खून-खराबे क्यों हो जाते हैं ? इस सवाल का जवाब यरुशेलम की तारीख़ में छिपा हुआ है. बहुत ही आसान ज़बान में हम आपको इस विवाद के हर पहलू के बारे में समझाते हैं. यरुशलम दुनिया के तीन बड़े मज़हबों की अक़ीदत से जुड़ा है. यहूदी, ईसाई और मुस्लिम धर्म के लिए यरुशलम एक पाक शहर है.एनडीए में सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने अग्निपथ योजना पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है. उन्होंने इस पर नए तरीके से विमर्श की बात की. इसके अलावा उन्होंने वन नेशन-वन इलेक्शन और यूसीसी पर भी अपना पक्ष रखा है.
Foreign Guest List Invited to PM Modi Oath Ceremony: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में भाजपा एक बार फिर देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. हालांकि, पार्टी अपने दम पर बहुमत के आंकड़े को नहीं पार कर पाई है, लेकिन एनडीए गठबंधन बहुमत के आंकड़े को जरूर पार कर गया है. लिहाजा नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश की कमान संभालने जा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे सोमवार को स्वीकार कर लिए. इन तीनों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था. तीन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में अब 59 सदस्य रह गए हैं क्योंकि कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों को पहले ही दल बदल कानून के तहत अयोग्य ठहरा दिया गया था. अब 3 निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद संख्या 59 हो गई है.
Pune Porsche Crash: पोर्शे कार हादसा मामले पुणे पुलिस ने नाबालिग आरोपी की मां को गिरफ्तार किया है. इस बात की पुष्टि हो गई है कि उसके ब्लड सैंपल उसकी मां के ब्लड सैंपल से बदले गए थे. आरोपी की मां को आज एक अदालत में पेश किया जा सकता है. पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि जांच में पता चला कि किशोर के ब्लड सैंपल उसकी मां के रक्त नमूने से बदले गए थे.