मोदी सरकार ने सांसद निधि के करोड़ों रुपये ख़र्च कहां किये, बताए: विपक्ष - प्रेस रिव्यू
BBC
सांसदों को मिलने वाली स्थानीय विकास निधि एक बार फिर से बहाल कर दी गई है. इसके अलावा पढ़ें प्रमुख अख़बारों की सुर्खियां.
सांसदों को मिलने वाली स्थानीय विकास निधि एक बार फिर से बहाल कर दी गई है. इस वित्तीय वर्ष में सांसदों को विकास कार्यों के लिए दो करोड़ रुपये दिये जाएंगे और अगले वित्त वर्ष से यह राशि पांच करोड़ हो जाएगी.
कोविड महामारी के दौरान बीते साल सांसदों को मिलने वाली इस राशि को विकास कार्यों के लिए देने के बजाय कोरोना से लड़ने के लिए इस्तेमाल किया गया था. इस योजना को दो वित्तीय वर्षों (2020-2021 और 2021-2022) के लिए स्थगित किया गया था लेकिन अर्थव्यवस्था में सुधार का हवाला देते हुए इसे आंशिक रूप से इसी वर्ष वापस बहाल करने का फ़ैसला किया गया है.
द हिंदू अख़बार के मुताबिक़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक में यह फ़ैसला हुआ. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि - चूंकि अर्थव्यवस्था में अब सुधार हो गया है इसलिए इस स्कीम को दोबारा शुरू किया जा गया है.
अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि चूंकि देश आर्थिक सुधार की राह पर है और कई क्षेत्रों में सकारात्मक वृद्धि भी हो रही है, इसलिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सांसद निधि को बहाल करने का फ़ैसला किया है."
पिछले साल जब इस स्कीम पर रोक लगायी गई थी तब सरकार ने दावा किया था कि इस राशि का इस्तेमाल कोरोना महामारी से लड़ने के लिए किया जाएगा. यह राशि क़रीब 8000 करोड़ रुपये तक होने का दावा था.