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मॉनसून में देरी का खरीफ फसलों की बुवाई पर असर,lMD की भविष्यवाणी फेल

मॉनसून में देरी का खरीफ फसलों की बुवाई पर असर,lMD की भविष्यवाणी फेल

The Quint
Tuesday, July 13, 2021 07:39:29 AM UTC

monsoon kharif crops imd:मानसून में देरी का खरीफ फसल की बुवाई पर असर, 1जून-10 जुलाई के बीच 7% कम वर्षा मौसम विभाग देता रहा 'तारीख पर तारीख',दिल्ली में हुई जम बारिश ,Delayed monsoon hits kharif crops in india imd forecast inconsistence

आखिरकार भीषण गर्मी से परेशान राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों को राहत देते हुए मंगलवार सुबह तेज बारिश हुई. साथ ही तेज बारिश से हिमाचल के धर्मशाला और कश्मीर के गांदरबल में बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले. इसके बावजूद इस मॉनसून (Monsoon) सीजन में भारतीय मौसम विभाग (IMD) की खराब भविष्यवाणी के उदाहरण, बारिश में कमी और उसके कारण खरीफ फसलों (kharif crops) की बुवाई पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है.एशिया के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, भारत के कुल बुवाई क्षेत्र के 60% के पास सिंचाई की सुविधा नहीं है और यहां की लगभग आधी जनसंख्या आमदनी के लिए अभी भी कृषि पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर है. भारत के 100 राष्ट्रीय महत्वपूर्ण रिजर्वॉयर अपने पीने योग्य पानी, पावर सप्लाई और सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर हैं.ऐसे में मॉनसून की देरी और उससे संबंधित IMD की भविष्यवाणी में चूक ना सिर्फ अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, बल्कि साथ ही आने वाली चुनौतियों, प्राकृतिक आपदा के लिए हमारी तैयारी को भी प्रभावित कर सकती है.ADVERTISEMENTमॉनसून में देरी, मतलब खरीफ फसलों पर प्रभावभारत के करोड़ों किसान धान ,ऑयल सीड, दलहन फसल, बाजरा, गन्ना और कपास के लिए सीधे बारिश पर निर्भर हैं. 2020 खरीफ सीजन में अच्छा और समय से आये मॉनसून के कारण जून 2020 तक खरीफ फसलों की बुवाई सामान्य स्तर को पार कर गई थी.लेकिन 10 जुलाई 2020 तक भी, कृषि आय का एक अहम हिस्सा, धान की फसल की बुवाई सामान्य स्तर से कम रही. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 10 जुलाई 2021 तक 11 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में ही धान की बुवाई हुई है, जबकि सामान्य स्थिति में अब तक यह 11.6 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में होना चाहिए था.इसके साथ-साथ ज्वार,बाजरा जैसे मोटे अनाजों की भी बुवाई मॉनसून में देरी के कारण प्रभावित हुई है. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 10 जुलाई तक 7.3 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में ही मोटे अनाजों की बुवाई हुई है, जबकि सामान्य स्थिति में अब तक यह 8.7 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में हो जाना चाहिए था.25 जून तक पिछले साल के इसी पीरियड की अपेक्षा 11% कम खेतों में खरीफ फसलों की बुवाई की गई थी.ADVERTISEMENTसबसे बड़ी वजह- बारिश में कमीइसकी सबसे बड़ी वजह है बारिश में कमी. भारतीय मौसम विभाग के लेटेस्ट डेटा के अनुसार 1 जून से 10 जुलाई के बीच वर्षा में 7%...
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