मैसूर यूनिवर्सिटी ने शाम को अकेले लड़कियों की आवाजाही पर लगाई रोक, मच गया हंगामा
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अपने आदेश में ऐतिहासिक मैसूर विश्वविद्यालय (Mysore University) ने कैंपस में शाम 6.30 बजे के बाद छात्राओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था. शहर में गैंग रेप की घटना की पृष्ठभूमि में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार द्वारा जारी आदेश के बाद आक्रोश फैल गया था.
बेंगलुरू: मैसूर विश्वविद्यालय (Mysore University) ने कैंपस परिसर में छात्राओं की आवाजाही को प्रतिबंधित करने वाले अपने आदेश (सर्कुलर) को वापस ले लिया है. ये जानकारी राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण द्वारा जारी किए गए निर्देश के बाद सामने आयी. शिक्षा मंत्री के मुताबिक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर (Vice Chancellor) ने शुक्रवार को जो आदेश जारी किया था उसे रद्द किया गया है. दरअसल पहले आए आदेश के मुताबिक शाम 6.30 बजे के बाद कुक्कराहल्ली झील (Kukkarahalli Lake) क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश और परिसर में अकेले छात्राओं की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी. नारायण ने कहा, 'परिसरों के भीतर सुरक्षा सुनिश्चित करना कुलपतियों की जिम्मेदारी है. उन्हें विश्वविद्यालय परिसरों (University Campus) में निगरानी बढ़ाने के लिए मौजूद हाईटेक तकनीक का सर्वोत्तम उपयोग करना चाहिए. कैंपस के भीतर गश्त को बढ़ाने और सख्ती से सेफ्टी मानकों का पालन कराने के उपाय करने चाहिए. छात्रों को जागरूक करने के साथ सतर्कता बढ़ाने के लिए ड्रोन (Drone) के इस्तेमाल पर भी विचार किया जा सकता है. मैं सभी विश्वविद्यालय के परिसरों में गश्त बढ़ाने के बारे में संबंधित लोगों से चर्चा करूंगा.'एनडीए में सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने अग्निपथ योजना पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है. उन्होंने इस पर नए तरीके से विमर्श की बात की. इसके अलावा उन्होंने वन नेशन-वन इलेक्शन और यूसीसी पर भी अपना पक्ष रखा है.
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