मुहर्रम पर यूपी पुलिस की एडवाइजरी पर विवाद, धर्मगुरुओं ने कहा- विलेन की तरह पेश किया गया
NDTV India
लखनऊ में साल 1977 में मुहर्रम के जुलूस हुई हिंसा के बाद इस पर रोक लगा दी गई थी. बीस साल बाद 1998 में तीन पक्षीय समझौते के बाद फिर जुलूस शुरू हुए.
मुहर्रम के लिए यूपी के डीजीपी की एडवाइजरी पर विवाद हो गया है. शिया धर्म गुरुओं ने कहा कि एडवाइजरी में उन्हें विलेन की तरह पेश किया गया है. इसमें लिखा है कि मुहर्रम में सुन्नी वर्ग के खलिफाओं के लिए शिया अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं. जबकि पिछले चालिस साल में लखनऊ में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. पुलिस इसे वापस ले क्योंकि इससे शिया-सुन्नी झगड़े कीआशंका है. एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह पुरानी एडवाइजरी है जो हर साल जारी होती है. इसका मकसद किसी का अपमान करना नहीं है.More Related News