
महिला दिवस: 'तुमसे न हो पाएगा' औरतों की 'माली हालत' का सबसे बड़ा रोड़ा
BBC
महिला दिवस के मौक़े पर तरह-तरह की बातें होती हैं लेकिन जब तक वो आर्थिक रूप से खुद पर निर्भर न हों तब तक वे समानता की लड़ाई नहीं लड़ सकतीं.
करीब साल भर पहले एक ई-कॉमर्स कंपनी ने अपने विज्ञापन के लिए अलग-अलग उम्र की 30 महिलाओं और पुरुषों के साथ एक सामाजिक प्रयोग किया जिसमें उनसे कई तरह के सवाल पूछे गए.
इस प्रयोग में, अगर जवाब 'हाँ' होता तो वो एक कदम आगे बढ़ाते और अगर ना होता तो एक कदम पीछे जाते.
जब तक सवाल साइकिल चलाने, खेल खेलने, संगीत, कपड़े प्रेस करने या फिर चाय-नाश्ता बनाने से जुड़े थे, तब तक महिलाएँ पुरुषों के मुकाबले में बराबरी पर थीं.
लेकिन जब बिल पेमेंट, सैलरी ब्रेकअप, बीमा पॉलिसी, बजट, निवेश, म्यूच्यूअल फंड, इनकम टैक्स से जुड़े सवाल पूछे गए, तो महिलाओं और पुरुषों के बीच का फ़ासला इतना बढ़ गया कि अंत में केवल पुरुष ही अगली कतार में खड़े नज़र आए.
आइए आपको बताते हैं कि आर्थिक मसलों पर भारत की महिलाओं की क्या हालत है और शेयर बाज़ार में निवेश से पहले किन बातों का महिलाएं ध्यान रख सकती हैं?
