
महाराष्ट्र: क्या मनसुख हिरेन मामला NIA vs ATS हो गया है?
Zee News
विवाद होने के बाद पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है. लेकिन एनआईए का आरोप है कि इस मामले में महाराष्ट्र एटीएस सहयोग नहीं कर रही है.
मुंबई: मनसुख हिरेन केस की जांच कर रही एनआईए ने कहा कि महाराष्ट्र एटीएस मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रही है. एनआईए की स्पेशल कोर्ट में एनआईए टीम ने कहा कि महाराष्ट्र ATS इस मामले जी जरूरी फाइल्स उन्हें नही दे रही है. इस मामले में बुधवार को महाराष्ट्र एटीएस को कोर्ट में जवाब देना है. ऐसे में सवाल उठते हैं क्या ये पूरा मामला अब एनआईए वर्सेस महाराष्ट्र एटीएस में बदल चुका है? ये पूरा केस पहले महाराष्ट्र एटीएस देख रही थी. हालांकि विवाद होने के बाद पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है. लेकिन एनआईए का आरोप है कि इस मामले में महाराष्ट्र एटीएस सहयोग नहीं कर रही है. बता दें कि एनआईए ने मामले की जांच हाथ में लेने के 24 घंटे के भीतर ही दो लोगों को गिरफ्तार किया था. एटीएस ने हिरन की हत्या के मामले में निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिन्दे तथा क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौड़ को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था. एनआईए ने बताया कि इन दोनों लोगों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने पाया था कि वझे इस मामले में प्रमुख आरोपी है और इसमें उसकी प्रमुख भूमिका थी. अब 25 मार्ट को एनआईए वझे की हिरासत मांगेगी. इस मामले में सजिन वझे को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. उसे एनआईए एंटीलिया के बाहर भी लेकर गई थी और पूरे घटनाक्रम का सीन री-क्रिएशन कर मामले को समझने की कोशिश की थी.
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Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

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