
मदरसे की तर्ज पर गुरुकुल को भी मिले मान्यता, यूनिफॉर्म एजुकेशन कोड के लिए SC से गुहार
Zee News
याचिका में SC से ऐसा निर्देश जारी करने की अपील की है जो हिंदुओं, सिख, जैन, बौद्ध, बहाई और यहूदी को भी मुस्लिम, पारसी और क्रिश्चियन की तरह एजुकेशनल संस्थान गठन करने और चलाने का अधिकार दे और उस अधिकार को राज्य कम न करें.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक जनहित याचिका (PIL) दायर कर केंद्र सरकार को यह घोषित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान संचालित करने के दिए गए मौलिक अधिकार संविधान के तहत बहुसंख्यक समुदाय को भी उपलब्ध कराए जाएं. संविधान का अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यकों को उनकी विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति की रक्षा करने के अधिकारों से संबंधित है, और उन्हें धर्म या भाषा के आधार पर, उनकी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और संचालन का अधिकार प्रदान करता है.
वकील और भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने अपनी जनहित याचिका में गृह मंत्रालय, शिक्षा, कानून और न्याय तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों को प्रतिवादी बनाया है और अनुच्छेद 29 (लिपि, संस्कृति आदि के संरक्षण का अधिकार) के तहत अल्पसंख्यकों को प्रदत्त मौलिक अधिकारों को सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध होने की घोषणा करके उन्हें समान शिक्षा संहिता पेश करने का निर्देश देने का आग्रह किया है. वकील अश्विनी दुबे के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है, ‘निर्देश दें और घोषित करें कि हिंदुओं को मुस्लिम, ईसाई और पारसी की तरह अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के समान अधिकार हैं, और राज्य इस अधिकार को कम नहीं कर सकता है.’

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Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

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India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









