
भूजल खर्च करने में हम दुनिया में सबसे अव्वल, जानिए कितना पानी बचा है हमारे पास!
Zee News
हमारे देश में सदियों से वाटर सिस्टम को रिचार्ज करने की प्राकृतिक तकनीक रही है. जिसमें तालाबों की अहम भूमिका रही है. हालांकि अंधाधुन शहरीकरण और अवैध कब्जों के चलते तेजी से तालाब खत्म हो रहे हैं.
नई दिल्लीः विश्वभर में आज 'विश्व जल दिवस' मनाया जा रहा है. इस मौके पर पीएम मोदी ने भी 'कैच दे रेन' नामक अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का लक्ष्य बारिश के पानी को संरक्षित करना है, ताकि प्राकृतिक वाटर सिस्टम को रिचार्ज किया जा सके और गिरते भूजल स्तर को भी रोका जा सके. भारी भूजल दोहन बड़ी समस्या हमारे देश में पानी की समस्या बहुत बड़ी है. हालांकि इसके बावजूद देश में पानी को बचाने को लेकर जागरुकता की भारी कमी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश के विभिन्न इलाकों में भारी मात्रा में भूजल का दोहन किया जा रहा है. इस मामले में भारत अव्वल देशों में शुमार है. सिंचाई के लिए लगे ट्यूबवेल, शहरों और गांवों के घरों में लगे समर्सिबल इस समस्या को और भी गंभीर बना रहे हैं.
36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.








