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भारत में पहली बार कब फहराया गया था तिरंगा, 117 सालों में कितनी बार बदला जा चुका है राष्ट्रीय ध्वज?
Zee News
भारत का राष्ट्रीय अब तक 6 बार बदला चुका है. पहली बार तिरंगा 1906 में कोलकाता में फहराया गया था. इसके रंग, प्रतीक और डिजाइन समय के साथ बदले गए. आज का तिरंगा 1947 में अपनाया गया, जिसमें अशोक चक्र जोड़ा गया. यह सिर्फ ध्वज नहीं, देश की आजादी और एकता का प्रतीक है.
भारत का राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ एक निशान नहीं, बल्कि देश की आजादी, एकता और गर्व का प्रतीक है. यह हमें उन ऐतिहासिक पलों की याद दिलाता है, जब देशवासियों ने आजादी के लिए संघर्ष किया और कई बार अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारा तिरंगा शुरू से ऐसा नहीं था जैसा आज दिखता है? इसे बनने में कई साल लगे और समय-समय पर इसमें बदलाव भी हुए. आइए जानते हैं कि भारत में तिरंगा पहली बार कब फहराया गया था और अब तक कितनी बार हमारे राष्ट्रीय ध्वज में बदलाव हुए हैं.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









