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भारत में कब-कब लगाया गया आपातकाल, UPSC की तैयारी करने वाले जरूर पढ़ लें
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Emergency History in India: भारत में तीन बार इमरजेंसी लागू हुई. दो बार राष्ट्रीय खतरे को देखते हुए लागू की गई. जबकि एक बार आंतरिक अशांति का हवाला देते हुए आपातकाल लगाया गया. इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाई गई इमरजेंसी सबसे अधिक चर्चा में रहती है, ये लोकतंत्र के लिए काला अध्याय मानी जाती है.
Emergency History in India: भारत के इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो पन्नों में दर्ज हो गई हैं. इनमें से कई बेहद सुनहरी और यादगार घटनाएं हैं, जिनका जिक्र आते ही लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. जबकि कई घटनाएं ऐसी हैं, जिन्हें याद करके ही कुछ लोग सिहर उठते हैं. बहरहाल, इमरजेंसी की यादें भी लोगों की बुरे सपने जैसी ही हैं. चलिए, जानते हैं कि भारत में कितनी बार और कब-कब इमरजेंसी लागू हुई है. किस कानून के तहत लागू होती है इमरजेंसी? सबसे पहले तो ये जान लें कि इमरजेंसी किस कानून के तहत लागू होती है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352, 356 और 360 के तहत आपातकाल लागू किया जा सकता हैं. किन्हीं विशेष या चिंताजनक परिस्थितियों मर इमरजेंसी लागू करने का अधिकार दिया गया है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









