
भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सुलझाने की कोशिशें और सेना की भूमिका
BBC
ऐतिहासिक तौर पर ऐसा क्यों है कि पाकिस्तान के सभी सैन्य शासक भारत के साथ राजनयिक संबंध ठीक करने की इच्छा और कोशिश में सिविलियन शासकों से आगे रहे हैं.
ऐतिहासिक तौर पर ऐसा क्यों है कि पाकिस्तान के सभी सैन्य शासक भारत के साथ राजनयिक संबंध ठीक करने की इच्छा और कोशिश में सिविलियन शासकों से आगे रहे हैं. लेकिन उन्हें कभी भी इस कोशिश के लिए किसी नकारात्मक सार्वजनिक राय या प्रतिक्रिया का सामना नहीं करना पड़ा? चाहे वह भारत के साथ संयुक्त रक्षा समझौते की पेशकश हो, कूटनीतिक संबंध चलाने हों या भारत के साथ चरणबद्ध तरीक़े से बातचीत शुरू करने की प्रक्रिया हो. पिछली घटनाओं से पता चलता है कि पाकिस्तानी सैन्य शासकों ने किसी भी बारे में सार्वजनिक राय या राज्य मशीनरी की उलझन या जवाबी प्रतिक्रिया की ज़रा भी परवाह नहीं की. स्टोरी: उमर फ़ारूक़, रक्षा विश्लेषक आवाज़: विशाल शुक्लाMore Related News
