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भारत का सबसे पुराना खेल, महाभारत की रणभूमि से ओलंपिक के स्टेडियम तक
Zee News
कुश्ती भारत का सबसे पुराना खेल माना जाता है, जिसकी जड़ें वैदिक काल और महाभारत तक जाती हैं. इसे मल्लयुद्ध कहा जाता था. आज भी गांवों और अखाड़ों में इसका अभ्यास होता है. यह सिर्फ खेल नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक, विरासत और परंपरा का प्रतीक है.
भारत एक ऐसा देश है जिसकी संस्कृति और परंपराएं हजारों साल पुरानी हैं. यहां के हर कोने में कोई न कोई अनोखी चीज देखने को मिलती है. ऐसा ही एक पहलू है भारत के पारंपरिक खेलों का. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे पुराना खेल कौन सा है? बहुत लोगों को लगता होगा क्रिकेट या हॉकी, लेकिन भारत का सबसे पुराना खेल 'कुश्ती' है. यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भारत की मिट्टी से जुड़ी हुई एक परंपरा है, जिसे सदियों से निभाया जा रहा है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









