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भारत का पहला वैज्ञानिक कौन था, जिसने विज्ञान की दुनिया में इंडिया का परचम लहराया
Zee News
सर जगदीश चंद्र बोस भारत के पहले वैज्ञानिक माने जाते हैं. उन्होंने पौधों की सेंसिटिविटी और वायरलेस कनेक्शन पर महत्वपूर्ण खोज की. उनकी खोजों ने भारतीय विज्ञान को नई पहचान दी और वे आज भी वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. बोस का योगदान भारतीय विज्ञान में अमूल्य है.
भारत का वैज्ञानिक इतिहास में कई बड़े नाम आए हैं, लेकिन सबसे पहला और महत्वपूर्ण नाम है सर जगदीश चंद्र बोस का. उन्होंने पौधो की सेंसिटिविटी पर रिसर्च की और वायरलेस कम्यूनिकेशन जैसे क्षेत्रों में भी काफी योगदान दिया. उनका काम सिर्फ इंडिया में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विज्ञान को एक नई दिशा दी. आज भी उनका काम, वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने साबित किया कि भारत केवल अध्यात्म और संस्कृति का देश नहीं, बल्कि विज्ञान और खोजों में भी पूरी दुनिया को चौंका सकता है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









