
भाजपा से हाथ मिलाने के बजाय मरना पसंद करूंगा: नीतीश कुमार
The Wire
भाजपा की राज्य कार्यकारिणी द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन नहीं करने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित करने के बाद उन्होंने यह बयान दिया है. नीतीश ने दोहराया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनके पिता लालू प्रसाद के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के ‘निराधार’ आरोपों के बाद 2017 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनकी वापसी एक ‘भूल’ थी.
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता ने भाजपा को यह भी याद दिलाया कि गठबंधन में रहते हुए उसे मुस्लिमों समेत उनके सभी समर्थकों के वोट मिलते थे, जो भाजपा की हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर हमेशा ‘सतर्क’ रहे हैं.
कुमार ने दोहराया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनके पिता लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार के ‘निराधार’ आरोपों के बाद 2017 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनकी वापसी एक ‘भूल’ थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा, ‘युवा पीढ़ी को इस दिन को नहीं भूलना चाहिए जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी. लोगों को यह भी जानना चाहिए कि उन्हें क्यों मारा गया. आखिरकार, वह हिंदुओं और मुसलमानों को एक करने की दिशा में काम कर रहे थे, लेकिन ऐसे लोग हैं, जो गड़बड़ी पैदा करने के लिए बाहर हैं और किसी भी अवसर की तलाश में हैं.’
भाजपा के ‘उनके साथ फिर से गठबंधन नहीं करने’ के प्रस्ताव पर नीतीश ने कहा, ‘हम ही हैं जिन्होंने उन्हें छोड़ दिया. आप फरवरी 2005 के बाद के चुनाव परिणाम देख सकते हैं. हमने उनसे (भाजपा) ज्यादा सीटें हासिल कीं. मैं अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा का हिस्सा था और 2013 में इससे बाहर आ गया था.’
