
बिलक़ीस मामला: रिहा हुए दोषी ने सज़ा माफी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को चुनौती दी
The Wire
बिलक़ीस बानो मामले 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई के ख़िलाफ़ माकपा नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाल और लखनऊ की पूर्व प्रोफेसर व कार्यकर्ता रूपरेखा वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की है. उनकी याचिका का विरोध करने वाले दोषी पर बीते दिनों एक गवाह ने उन्हें धमकाने का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली: बिलकीस बानो मामले के दोषियों में से एक ने गुजरात सरकार द्वारा उसे मिली सजा माफी को चुनौती देने वाली याचिका को ‘अव्यवहार्य और राजनीति से प्रेरित’ बताया है और याचिकाकर्ताओं के हस्तक्षेप के अधिकार पर सवाल उठाया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 15 साल की सजा काटने के बाद गुजरात सरकार से सजा माफी पाने वाले राधेश्याम भगवानदास शाह ने कहा है कि याचिकाकर्ताओं में से कोई भी उक्त मामले से संबंधित नहीं है और या तो केवल राजनीतिक कार्यकर्ता जान पड़ते हैं या फिर तीसरे पक्ष के अज्ञात लोग.
अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा के जरिये सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में दोषी राधेश्यान ने उन मामलों का उल्लेख किया है जिनमें शीर्ष अदालत स्पष्ट शब्दों में यह कह चुकी है कि अभियोजन पक्ष के लिए पूरी तरह अनजान तीसरे पक्ष के पास आपराधिक मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है और संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है.
उन्होंने कहा कि ऐसी याचिका पर विचार करने से जनता में से कोई भी, किसी भी अदालत के समक्ष, किसी भी आपराधिक मामले में बीच में कूदने लगेगा. यह उनके लिए खुला निमंत्रण होगा और ऐसी याचिकाओं की अदालतों के समक्ष बाढ़ आ जाएगी.
