
प्रिंस फ़िलिप: अनोखी ज़िंदगी जीने वाला एक असाधारण शख़्स
BBC
जीवन के पहले दशक की मुसीबतों ने प्रिंस फ़िलिप को मज़बूत बनाया लेकिन अपने असली व्यक्तित्व में वह स्कूल के दौरान ही ढले.
उनके बारे में जो लोग बता सकते थे, वे उनसे पहले ही इस दुनिया से चले गए. अब ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा प्रिंस फ़िलिप की तस्वीर के दो पहलू ही हमारी यादों में रह गए हैं. एक पहलू लोगों को चुभते चुटकुले सुनाते हुए पॉलिटिकली इनकरेक्ट बयान देने वाले शख़्स का था, तो दूसरा हमेशा इर्द-गिर्द मंडराते रहने वाले झक्की ताऊ का, जिसे सब प्यार तो करते हैं लेकिन, जो अक्सर ख़ुद को और अपने साथ के लोगों को शर्मसार करते रहते थे. प्रिंस फ़िलिप अब इस दुनिया में नहीं रहे. ज़ाहिर है कि उनके निधन के साथ ही उनकी शख़्सियत का एक बार फिर आकलन होगा, क्योंकि उन्होंने एक असाधारण व्यक्ति के तौर पर असाधारण ज़िदगी बिताई है. उनका जीवन उथल-पुथल भरी बीसवीं सदी में हो रहे बदलावों से गहरे तौर से जुड़ा था. प्रिंस की जिंदगी अद्भुत असमानताओं, विरोधाभासों, सेवा और कुछ हद तक अकेलेपन से भरी थी. प्रिंस एक पेचीदा, होशियार और हमेशा बेचैन रहने वाले शख़्स थे. प्रिंस के माता और पिता की मुलाक़ात 1901 में क्वीन विक्टोरिया के अंतिम संस्कार के दौरान हुई थी. उस वक़्त यूरोप के सिर्फ़ चार देशों में ही राजशाही बची थी. उनके रिश्तेदार यूरोप के उन अलग-अलग राजघरानों में बिखरे हुए थे. कुछ राजघराने पहले विश्वयुद्ध की वजह से बिखर गए थे. लेकिन जहां प्रिंस फ़िलिप का जन्म हुआ था वहां अभी भी राजशाही का चलन बचा हुआ था. उनके दादा ग्रीस के राजा थे. उनके दादा की बहन ऐला को एक्तेरिबर्ग में बोल्शेविकों ने रूस के ज़ार के साथ मार डाला था. उनकी मां क्वीन विक्टोरिया की परपोती थीं.More Related News
