प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर हुए टीकाकरण रिकॉर्ड में फ़र्ज़ीवाड़ा, बिना टीका लगे बांटे प्रमाणपत्र: रिपोर्ट
The Wire
द कारवां की रिपोर्ट में विभिन्न राज्यों के लोगों के हवाले से दावा किया गया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के रोज़ कई लोगों को कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र मिला, जबकि उन्हें टीका पहले लगा था. कई लोगों को टीके की दूसरी खुराक लेने का प्रमाणपत्र मिला जबकि उन्होंने दूसरी डोज़ ली ही नहीं थी.
नई दिल्लीः द कारवां की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन कोरोना टीकाकरण की रिकॉर्ड संख्या के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया. @pkumarias@Bhupendrapbjp@CMOGuj@InfoGujarat@JunagadhGog @collectorjunagDear sir,To bring this at your knowledge while i was at my home yesterday i got two massages stating that -"dear sir your second dose of covishild has been successfully given on date 17.08.2021" conti. pic.twitter.com/vEQtBu5Oob
कारवां के पत्रकारों ने विभिन्न राज्यों के लोगों के हवाले से रिपोर्ट में बताया कि कई लोगों को 17 सितंबर को कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र मिला जबकि वे टीका पहले लगवा चुके थे या कई लोगों को कोरोना की दूसरी खुराक का प्रमाणपत्र मिला जबकि असल में उन्हें दूसरी डोज लगी ही नहीं थी. — Tushar Vaishnav (@VaishnavTushar8) September 18, 2021
इससे पहले ऐसे आरोपों की जांच स्क्रोल वेबसाइट ने की थी. स्क्रोल ने विशेष रूप से बताया था कि बिहार में कई टीकाकरण केंद्रों पर अधिकारियों ने 15 और 16 सितंबर को लोगों को टीका लगाया लेकिन इसके डेटा को 17 सितंबर को कोविन पोर्टल पर अपलोड किया गया.
कोविन पोर्टल के डेटा से पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर देश में 2.5 करोड़ से अधिक कोरोना के टीके लगाए गए थे लेकिन 17 सितंबर से अगले सात दिनों के भीतर कोरोना के टीके लगाने की औसत दैनिक संख्या कम होकर लगभग 76 लाख हो गई. इससे संदेह पैदा हुआ कि 17 सितंबर को या तो सप्लाई या फिर मांग या फिर दोनों में कुछ गड़बड़ थी.