
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की
The Wire
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अमेरिकी सांसदों की मौजूदगी वाली एक डिजिटल चर्चा में देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता जताते हुए कहा कि हाल के वर्षों में ऐसी प्रवृत्तियां बढ़ी हैं, जो नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं. साथ ही असहिष्णुता, अशांति व असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं.
हालांकि, भारत पहले भी देश में नागरिक स्वतंत्रता खत्म होने को लेकर विदेशी सरकारों और मानवाधिकार संगठनों के आरोपों का खंडन करता रहा है.
इस चर्चा के दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एड मार्के ने कहा, ‘एक ऐसा माहौल बना है, जहां भेदभाव और हिंसा जड़ पकड़ सकती है. हाल के वर्षों में हमने ऑनलाइन नफरत भरे भाषणों और नफरती कृत्यों में वृद्धि देखी है. इनमें मस्जिदों में तोड़फोड़, गिरजाघरों को जलाना और सांप्रदायिक हिंसा भी शामिल है.’
गौरतलब है कि मार्के का भारत विरोधी रुख अपनाने का इतिहास रहा है, उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले शासन के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते का भी विरोध किया था.
भारत से डिजिटल तरीके से इस चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने भी हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपनी चिंता व्यक्त की.
