पीएम मोदी और अमित शाह के लिए येदियुरप्पा मज़बूती और मजबूरी दोनों कैसे बन गए?
BBC
एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री रूप में येदियुरप्पा का सार्वजनिक तौर पर अपने इस्तीफ़े की योजना की पेशकश, एक तरह से यह दर्शाता है कि उनके जैसे साहसी और लड़ाकू नेता पर पद छोड़ने के लिए कितना दबाव पड़ा होगा.
भारतीय राजनीति में अब तक ऐसा उदाहरण शायद ही देखने को मिला है, जब कोई मुख्यमंत्री आधिकारिक तौर पर यह घोषणा करे कि वह अपना पद इस तरह से छोड़ रहा है. लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कई कारनामों की तरह यह कारनामा भी अपने नाम कर लिया है. येदियुरप्पा ने 2008 में अकेले अपने दम पर कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता में ला दिया था. उन्होंने कहा है कि वे 25 जुलाई को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से आने वाले फ़ोन कॉल का इंतज़ार कर रहे हैं. उन्होंने साथ में यह भी कहा कि केंद्रीय नेतृत्व से किए वादे के मुताबिक़ दो साल बाद होने वाले चुनाव में पार्टी को वापस लाने के लिए वे काम शुरू करेंगे. भारतीय राजनीति में कई मुख्यमंत्रियों को अपना पद केंद्रीय नेतृत्व से मतभेद के चलते गंवाना पड़ा है. कुछ को दलबदल के चलते भी कुर्सी गंवानी पड़ी है तो कुछ को पार्टी के आंतरिक मतभेदों के चलते जाना पड़ा है.More Related News