
पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई कैसे काम करती है?
BBC
पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के बारे में ऐसा क्या है कि इसे लेकर पाकिस्तान के भीतर और बाहर दोनों जगह सवाल उठाए जाते हैं?
1 मार्च 2003 को पाकिस्तान की पहली ख़ुफ़िया एजेंसी, इंटर-सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (आईएसआई) के दो दर्जन सदस्यों ने ख़ालिद शेख़ मोहम्मद को छावनी वाले शहर रावलपिंडी में एक घर से गिरफ़्तार किया था. ख़ालिद शेख़ मोहम्मद पर 9/11 (11 सितंबर 2001) को अमेरिकी शहरों में हुए हमलों का मास्टर माइंड होने का आरोप था.
उसी शाम आईएसआई ने पाकिस्तानी और विदेशी पत्रकारों के एक समूह को इस्लामाबाद में अपने मुख्यालय में आमंत्रित किया, ताकि इस ऑपरेशन में की गई गिरफ़्तारी के बारे में उन्हें जानकारी दी जा सके.
ऐसा कम ही हुआ है जब किसी आईएसआई अधिकारी ने अपने विशेष ऑपरेशन के बारे में विदेशी पत्रकारों को इस तरह से ब्रीफ़िंग दी हो. लेकिन यह घटना भी असामान्य थी, जिससे आईएसआई के बारे में एक बार फिर नए सिरे से बहस छिड़ गई.
ब्रीफिंग में मौजूद ज़्यादातर पत्रकारों को ख़ालिद शेख़ मोहम्मद की गिरफ़्तारी के बारे में पहले से ही जानकारी थी कि उन्हें रावलपिंडी के एक घर से गिरफ़्तार किया गया था.
यह घर जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान से नज़दीकी संबंध रखने वाले एक मशहूर धार्मिक परिवार का था. उनके मेज़बान अहमद अब्दुल क़ुद्दूस थे, जिनकी माँ जमात-ए-इस्लामी की एक सक्रिय नेता थीं.
