परागण के समय पेड़ भी फैला सकते हैं Coronavirus, निकोसिया यूनिवर्सिटी के शोध में चौंकाने वाला खुलासा
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शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 6 फुट की सोशल डिस्टेंसिंग हमेशा पर्याप्त नहीं रहेगी. वैज्ञानिकों का सुझाव है कि जिन जगहों पर हवा में परागकण का स्तर ज्यादा है, वहां उसे कम करने के उपाय किए जाने चाहिए.
निकोसिया: पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस की तीसरी लहर भारत में दस्तत देने वाली है. लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला दावा करते हुए लोगों को सावधान किया है कि कोरोना जैसे सैकड़ों वायरस पेड़ों के परागकण से भी फैल सकते हैं. ये खतरा भीड़ भरे इलाकों में ज्यादा है. साइप्रस के निकोसिया यूनिवर्सिटी के शोध में यह चौका देने वाली जानकारी सामने आई है. शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर पर विलो के पेड़ का मॉडल बनाया जो बड़ी मात्रा में परागकण छोड़ता है और बताया कि इसके कण किस तरह से आसपास फैल जाते हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि ये परागकण बहुत तेजी से भीड़ से दूर चले जाते हैं.More Related News
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