नीरव मोदी की अपील ख़ारिज, ब्रिटिश अदालत ने कहा- आत्महत्या का जोख़िम प्रत्यर्पण से नहीं रोकता
The Wire
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मानसिक सेहत के आधार पर प्रर्त्यपण के ख़िलाफ़ अपील ख़ारिज करते हुए लंदन के हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी कि उसके आत्महत्या करने का जोख़िम ऐसा नहीं है कि उसे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करना अनुचित और दमनकारी होगा.
लंदन/नई दिल्ली: ब्रिटेन की राजधानी लंदन के हाईकोर्ट ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मानसिक सेहत के आधार पर प्रर्त्यपण के खिलाफ अपील बुधवार (9 नवंबर) को खारिज कर दी. लंदन के हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी कि नीरव के आत्महत्या करने का जोखिम ऐसा नहीं है कि उसे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करना अनुचित और दमनकारी होगा.
न्यायाधीश जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और न्यायाधीश रॉबर्ट जे. ने अपने फैसले में कहा कि जिला न्यायाधीश सैम गूजी की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत का पिछले साल प्रत्यर्पण के पक्ष में दिया गया आदेश सही था.
न्यायाधीश जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और न्यायाधीश रॉबर्ट जे. ने इस साल की शुरुआत में रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में नीरव की अपीलों पर सुनवाई की अध्यक्षता की थी.
हाईकोर्ट में अपील पर सुनवाई की अनुमति दो आधार पर दी गई थी – यूरोपीय मानवाधिकार समझौते (ईसीएचआर) के अनुच्छेद-3 के तहत और मानसिक सेहत से ही संबंधित प्रत्यर्पण अधिनियम 2003 की धारा 91 के तहत.