नीरज चोपड़ा के टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने की रोमांचक कहानी
BBC
नीरज की कहानी शुरू होती है पानीपत के एक छोटे से गाँव से. यहाँ लड़कपन में नीरज भारी भरकम होते थे- क़रीब 80 किलो वज़न वाले.
नीरज की कहानी शुरू होती है पानीपत के एक छोटे से गाँव से. यहाँ लड़कपन में नीरज भारी भरकम होते थे- क़रीब 80 किलो वज़न वाले. कुर्ता पायजामा पहने नीरज को सब सरपंच कहते थे. फ़िटनेस ठीक करने के हिसाब से वो पानीपात में स्टेडियम जाने लगे और दूसरों के कहने पर जैवलिन में हाथ आज़माया. और वहीं से सफ़र शुरू हुआ. बेहतर सुविधाओं की तलाश में नीरज पंचकुला शिफ्ट कर गए और पहली बार उनका सामना राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से हुआ. उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलने लगीं. जब राष्ट्रीय स्तर पर खेलने लगे तो ख़राब क्वॉलिटी वाली जैवलिन की बजाय हाथ में बढ़िया जैलविन आ गई. धीरे-धीरे नीरज के खेल में तब्दीली आ रही थी. स्टोरी: वंदना आवाज़: गुरप्रीत सैनी वीडियो एडिटिंग: दीपक जसरोटिया (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)More Related News