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ना केदारनाथ, ना अमरनाथ...ये है भारत का सबसे ऊंचा मंदिर, बादलों में बसा शिव का धाम
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यह मंदिर भारत का सबसे ऊंचाई पर स्थित मंदिर है, जो समुद्र तल से करीब 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग करनी पड़ती है. पौराणिक मान्यता है कि यह स्थान महाभारत काल से जुड़ा है और शिव भक्ति का प्रमुख केंद्र माना जाता है.
भारत में हजारों मंदिर हैं, जिनमें से कुछ अपनी भव्यता के लिए, कुछ चमत्कारों के लिए, और कुछ अपनी रहस्यमयी जगहों के लिए प्रसिद्ध हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत का सबसे ऊंचाई पर स्थित मंदिर कौन सा है? एक ऐसा मंदिर जो हिमालय की गोद में बसा है, जहां पहुंचने के लिए भक्तों को पहाड़ों की कठिन चढ़ाई पार करनी पड़ती है. इस मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं, लेकिन जो एक बार वहां पहुंचता है, उसे न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि प्रकृति का ऐसा रूप देखने को मिलता है, जो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









