नाबालिग 'दूल्हे' के लिए कोर्ट पहुंची पत्नी और मां, अदालत ने भेजा आश्रय स्थल
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लड़के की मां की दलील थी कि उसका लड़का नाबालिग है और कानूनी रूप से शादी के लिए सक्षम नहीं है और यह शादी अमान्य है लेकिन बालिग पत्नी उसको साथ रखना चाहती थी.
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में आया एक मामला चर्चा में है. बालिग पत्नी ने नाबालिग पति की कस्डटी मांगी लेकिन कोर्ट ने यह मांग नामंजूर कर दी. नाबालिग की मां ने अदालत में रिट दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला दिया कि नाबालिग को फिलहाल बाल संरक्षण गृह में रहना होगा. इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने नाबालिग (Minor) पति का संरक्षण उसकी बालिग पत्नी को सौंपने से इनकार कर दिया. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि इस विवाह को अमान्य घोषित किया जा सकता है और इसकी परमीशन देना एक एडल्ट को एक माइनर के साथ रहने की मंजूरी देने जैसा होगा जो पॉक्सो कानून (Pocso Act) के तहत दंडनीय अपराध है.More Related News