नफ़रत को नफ़रत से नहीं हराया जा सकता: जमीयत प्रमुख महमूद मदनी
The Wire
प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने राजस्थान के उदयपुर में एक दर्ज़ी की जघन्य हत्या और कुछ अन्य घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि अगर ऐसे चलते रहे तो नुकसान किसी विशेष धर्म या समुदाय का नहीं, देश का होगा. सरकार और बड़े लोगों का सपना है कि भारत विश्वगुरु के रूप में अपनी पहचान बनाए. विश्वगुरु बनने का अधिकार भारत का है, लेकिन यह अधिकार वे लोग छीन रहे हैं जो नफ़रत के सौदागर हैं.
नई दिल्ली: देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (महमूद मदनी गुट) के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी की जघन्य हत्या और कुछ अन्य घटनाओं का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि ऐसी प्रतिक्रिया की इजाजत इस्लाम नहीं देता और नफरत को नफरत से नहीं हराया जा सकता.
उन्होंने जमीयत की ओर से आयोजित ‘सद्भावना सम्मेलन’ में कहा कि जो लोग ऐसी घटनाओं को क्रिया की प्रतिक्रिया कहते हैं वे ‘बेईमान’ हैं.
मदनी ने कहा, ‘देश में जो हालात चल रहे हैं, अगर ऐसे चलते रहे तो नुकसान किसी विशेष धर्म या समुदाय का नहीं, देश का होगा. हमारी सरकार और देश के बड़े लोगों का सपना है कि भारत विश्वगुरु के रूप में अपनी पहचान बनाए. विश्वगुरु बनने का अधिकार भारत का है, लेकिन यह अधिकार वे लोग छीन रहे हैं जो नफरत के सौदागर हैं.’
उन्होंने उदयपुर और कुछ अन्य जगहों पर हुई हाल की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हाल के दिनों में कुछ घटनाएं हुई हैं. अगर कोई कहता है कि यह क्रिया की प्रतिक्रिया है तो वह बेईमान है. इस्लाम किसी प्रतिक्रिया की इजाजत नहीं देता है, इस तरह की प्रतिक्रिया की इजाजत तो बिल्कुल नहीं देता.’