
नकली ‘ऑस्टिन विश्वविद्यालय’ के साथ समझौते पर यूपी सरकार की आलोचना, विपक्ष ने श्वेत-पत्र मांगा
The Wire
18 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा था कि उसने ‘ऑस्टिन विश्वविद्यालय’ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत लगभग 35,000 करोड़ रुपये की लागत से 5,000 एकड़ ज़मीन पर एक ‘स्मार्ट सिटी ऑफ नॉलेज’ का निर्माण करना है, जिसमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के परिसर होंगे. अब पता चला है कि यह ‘विश्वविद्यालय’ टेक्सास ऑस्टिन का प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय नहीं है.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार को तब शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य ने पहले ही इस विश्वविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई की है और ‘गैर-मान्यता प्राप्त संस्था’ का इसका दर्जा नवंबर 2022 में रद्द कर दिया गया था, क्योंकि एक निरीक्षण के दौरान पता चला था कि विश्वविद्यालय भवन खाली था. उप्र में निवेश लाने के नाम पर मंत्रियों को जनता के पैसों पर विदेश घुमाया जा रहा है और छद्म करार करके झूठा प्रचार किया जा रहा है। भाजपा सरकार ये बताये कि पिछली बार निवेश के जो करार हुए थे उनका लेखाजोखा कब देगी या वो भी ‘पंद्रह लाखी जुमला’ के समान खोखले थे। pic.twitter.com/0J6i72qgTJ गोलमाल है भाई सब गोलमाल है! Austin University lacks resources to invest USD 42 bn in UP @PTI_News from Washington/Lucknow https://t.co/N0K6L3g2sw
इस मामले को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि निवेश का एक पैसा विदेश से नहीं आया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से ‘निवेश के नाम पर लोगों को गुमराह नहीं करने’ के लिए कहा है. — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 22, 2022 बाबा और साहब के मंत्री हों या अधिकारी, उनके घपलेबाज़ी लिये सब जगह एक बराबर है। क्या इंडिया? क्या अमेरिका? — Abhinav Pandey (@abhinavPTI) December 22, 2022
अखिलेश ने कहा, ‘भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि पिछले पूंजी निवेश सम्मेलन में उत्तर प्रदेश में कितना पूंजी का निवेश हुआ और कितनों को रोजगार मिला? सच तो यह है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में धरातल पर एक भी उद्योग नजर नहीं आता. हम श्वेत पत्र की मांग करते हैं.’ वैसे, इस बार इन्वेस्टर्स मीट के नाम पर तो तगड़ा हाथ मारा है। सरकारी खर्च पर घूम भी आये। और अपनी कारस्तानी भी अमेरिका तक दिखा दी। pic.twitter.com/AEjPie3HXr
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘यूपी में निवेश लाने के नाम पर मंत्रियों को जनता के पैसों पर विदेश घुमाया जा रहा है और छद्म करार करके झूठा प्रचार किया जा रहा है. भाजपा सरकार ये बताए कि पिछली बार निवेश के जो करार हुए थे, उनका लेखा-जोखा कब देगी या वो भी ‘पंद्रह लाखी जुमला’ के समान खोखले थे.’ — UP Congress (@INCUttarPradesh) December 23, 2022
