दो शिविरों में दो लोगों ने टीके लगवाए! मध्य प्रदेश के गांवों में लोगों ने वैक्सीनेशन से बनाई दूरी
NDTV India
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ग्रामीणों को कोविड टीकाकरण (COVID Vaccination) के लिए प्रेरित करने के लिए उज्जैन जिले के मलियाखेड़ी गांव का दौरा करने वाली एक महिला तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) के नेतृत्व में गई टीम पर सोमवार को पारदी समुदाय के ग्रामीणों ने हमला किया. भोपाल से 350 किलोमीटर दूर निवाड़ी में वैक्सीन लेने को लेकर ग्रामीण और जिला कलेक्टर के बीच तीखी नोकझोंक का वीडियो आया. वहीं बालाघाट में टेकाड़ी पंचायत के दो टीकाकरण शिविरों में महज दो लोग टीका लगवाने पहुंचे. मध्य प्रदेश के ग्रामीण जिलों ने अपने लक्ष्य के मुकाबले कोविड-19 टीकों के सबसे कम टीकाकरण की सूचना दी है. राज्य के 52 जिलों के दैनिक टीकाकरण डेटा के विश्लेषण से साफ होता है कि शहरी तकनीकी रूप से समझदार आबादी ने ज्यादा टीके लगवाए हैं. यही कारण है कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सागर और ग्वालियर सहित मुख्य रूप से शहरी जिले टीकाकरण के मामले में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले हैं.
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ग्रामीणों को कोविड टीकाकरण (COVID Vaccination) के लिए प्रेरित करने के लिए उज्जैन जिले के मलियाखेड़ी गांव का दौरा करने वाली एक महिला तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) के नेतृत्व में गई टीम पर सोमवार को पारदी समुदाय के ग्रामीणों ने हमला किया. भोपाल से 350 किलोमीटर दूर निवाड़ी में वैक्सीन लेने को लेकर ग्रामीण और जिला कलेक्टर के बीच तीखी नोकझोंक का वीडियो आया. वहीं बालाघाट में टेकाड़ी पंचायत के दो टीकाकरण शिविरों में महज दो लोग टीका लगवाने पहुंचे. मध्य प्रदेश के ग्रामीण जिलों ने अपने लक्ष्य के मुकाबले कोविड-19 टीकों के सबसे कम टीकाकरण की सूचना दी है. राज्य के 52 जिलों के दैनिक टीकाकरण डेटा के विश्लेषण से साफ होता है कि शहरी तकनीकी रूप से समझदार आबादी ने ज्यादा टीके लगवाए हैं. यही कारण है कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सागर और ग्वालियर सहित मुख्य रूप से शहरी जिले टीकाकरण के मामले में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले हैं. दूसरी ओर, आगर-मालवा, उमरिया, हरदा, अलीराजपुर और श्योपुर सहित मुख्य रूप से ग्रामीण जिले (विशेषकर आदिवासी बहुल जिले) टीकाकरण के मामले में पिछड़े और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिले हैं. कुछ दिनों पहले तस्वीर आई थी कि कैसे बैतूल के चिचोली में ग्रामीण महिलाओं ने स्वास्वथ्य विभाग के कर्मचारियों को गाली देकर भगा दिया. वहीं बुंदेलखंड में टीकमगढ़ जिले के चोपरा गांव में सन्नाटा है. 240 परिवार महानगरों की ओर पलायन कर गए हैं. ग्रामीणों के बीच अफवाह है कि कोविड-19 वैक्सीन की वजह से मौतें हो रही हैं और इसके साथ ही लोग नपुंसक बन रहे हैं. लेकिन कुछ इलाके ऐसे हैं जो वैक्सीन के लिए तरस रहे हैं. आगर मालवा जिले के पालखेड़ी में राजू मालवीय के परिवार में 8 सदस्य हैं, किसी ने टीका नहीं लगवाया. उन्हें पता ही नहीं कि प्रक्रिया क्या है. वे कहते हैं. "मालूम ही नहीं क्या करना है, कैसे करना है."