दुनिया में 2.2 अरब लोगों को आंखों की बीमारी, इन तरीकों को अपनाकर रह सकते हैं सुरक्षित
Zee News
एक रिपोर्ट ये भी सामने आई है कि कोरोना काल में आंखों की समस्या के मरीजों में बढ़ोतरी हुई है. इसका प्रमुख कारण बताया जा रहा है लोगों का घर बैठकर ऑफिस का लगातार काम करना.
नई दिल्लीः आंख की बीमारी आज के दौर में एक सामान्य समस्या बन गई है. WHO की एक रिपोर्ट की मानें तो विश्व भर में कम से कम 2.2 अरब लोगों को निकट या दूर का दृष्टि दोष है. इनमें से कम से कम आधे मामलों में दृष्टि हानि को रोका जा सकता था पर अभी तक इसका समाधान नहीं हो पाया है. लोगों में जानकारी का अभाव इस समस्या का मूल कारण हैं. दृष्टिबाधित लोग ज्यादातर 50 वर्ष से अधिक आयु के हैं परंतु आजकल दृष्टि हानि सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है.
आखें कमजोर होने का मूल कारण विश्व की बढ़ती आबादीऔर बढ़ती उम्र दृष्टि दोष का सबसे बड़ा कारण है. आंखों की रोशनी कम होने के पीछे Genetic वजह भी हो सकती है। कम दृष्टि के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मधुमेह, आंखों में चोट लग जाना, उम्र के साथ आंखे कमजोर होना. कॉर्निया और ट्रेकोमा आदि रोग शामिल हैं. कभी-कभी किसी बीमारी से जुड़ा लक्षण भी हो सकता है. आजकल बच्चों में भी दृष्टि हानि के कारण विभिन्न देशों में काफी अलग अलग होते हैं. उदाहरण के लिए कम आय वाले देशों में जन्मजात मोतियाबिंद एक मुख्य कारण है. जबकि मध्यम आय वाले देशों में रेटिनोपैथी होने की अधिक संभावना है.