
त्रिपुरा: छंटनी किए गए शिक्षक बहाली की मांग को लेकर क़रीब दो महीने से अनशन पर
The Wire
त्रिपुरा में 10 हज़ार से अधिक स्कूली शिक्षकों को 2017 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद नौकरी से हटा दिया गया था, वे लगभग दो महीने से राजधानी अगरतला में आमरण अनशन कर रहे हैं.
अगरतला: 52 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे त्रिपुरा के छंटनी किए गए 10,323 स्कूली शिक्षकों ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (10 दिसंबर) के दिन त्रिपुरा मानवाधिकार आयोग की निंदा की, क्योंकि उसने अब तक उनसे संपर्क नहीं साधा है.
इससे एक दिन पहले ही छंटनी किए गए शिक्षकों के एक अन्य समूह ने अपनी बहाली की मांग पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए राजधानी अगरतला में एक ‘मानव शृंखला’ भी बनाई थी.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री माणिक साहा ने पिछले महीने छंटनी किए गए शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारियों और वकीलों के साथ चर्चा की थी और जल्द ही दूसरे दौर की चर्चा की उम्मीद की जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार (10 दिसंबर) दोपहर संवाददाताओं से बात करते हुए छंटनी किए गए स्कूली शिक्षकों के एक समूह के नेता प्रदीप बानिक ने कहा कि प्रदर्शनकारी 20 अक्टूबर से अगरतला के केंद्र में स्थित रविंद्र शत्वार्षिकी भवन के पास सड़क किनारे एक अस्थायी मंच पर बैठे हैं. वे अपने स्थानों पर बहाल होना चाहते हैं, जिनसे उन्हें 2017 के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार निलंबित कर दिया गया था.
