
तीन सगी बहनों के साथ सात ज़िंदगियां ख़त्म, आत्महत्या या हत्या? सस्पेंस बरक़रार: ग्राउंड रिपोर्ट
BBC
जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर एक परिवार की तीन महिलाओं की मौत पर सस्पेंस बरक़रार है, पुलिस ने तीनों के पति, सास और जेठानी को गिरफ़्तार कर लिया है.
एक खेत में सर्जिकल ग्लव्स और मास्क बिखरे पड़े हैं, नज़दीक ही खेत के किनारे एक कुआं है. जिसमें ऊपर से ही पानी नज़र आता है, लेकिन ये गहरा है. कुएं के बाहर की ज़मीन गीली है, जैसे कुछ ही देर पहले कुएं से पानी निकाल कर ज़मीन पर बिखेर दिया गया हो.
29 मई दोपहर क़रीब डेढ़ बजे हमारे यहां पहुंचने से कुछ ही मिनट पहले इस कुएं से एक नवजात का शव निकाला गया है.
यही वो कुआं है जहां से 28 मई की सुबह में 27, 23 और 20 साल की तीन सगी बहनों और 25 दिन और चार साल के उनके दो बच्चों के शव निकाले गए थे. जिनमें दो बहनें सात और नौ महीने की गर्भवती भी थीं. यह शव तीन दिन तक कुएं में ही पड़े रहे थे.
आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है. अगर आप भी तनाव से गुज़र रहे हैं तो भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 से मदद ले सकते हैं. आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी बात करनी चाहिए.
जयपुर-अजमेर हाइवे पर जयपुर से क़रीब 65 किलोमीटर दूर दूदू फ्लाईओवर से कुछ मीटर ही आगे मीणाओं का मोहल्ला है. इसी मोहल्ले में दो गलियों बाद इन मृतक महिलाओं की ससुराल है. ससुराल से क़रीब दो किलोमीटर दूर ही एक खेत में वो कुआं है, जहां सात ज़िंदगियां एक साथ ख़त्म हो गईं.
