तालिबान पर भारत में रह रहे अफ़ग़ानिस्तानी क्या सोचते हैं?
BBC
अफ़ग़ानिस्तान के आम लोग तालिबान के कारण दशकों से तबाही झेल रहे हैं. कई लोग देश छोड़ने पर मजबूर हुए. भारत में रह रहे अफ़ग़ानिस्तान के लोग तालिबान को कैसे देखते हैं?
मोहम्मद साबिर शाहरुख़ी वैसे तो उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान के समांगन के रहने वाले हैं, लेकिन उनका जन्म दक्षिण प्रांत कंधार में हुआ, जहाँ उनके पिता रोज़गार की तलाश में आकर बस गए थे. उनका बचपन बेहद संघर्ष में गुज़रा, क्योंकि जब तक उन्होंने होश संभाला, तब तक अफ़ग़ानिस्तान के हालात बेहद ख़राब हो चुके थे. कंधार के आसपास का इलाक़ा पूरी तरह से तालिबान के नियंत्रण में आ चुका था. बेहतर ज़िंदगी की आस में मोहम्मद साबिर शाहरुख़ी ने एक निजी संस्था में नौकरी करनी शुरू कर दी. वो कहते हैं कि उनके परिवार और कंधार के ज़्यादातर लोग डर के साए में ही रहते रहे. फिर जब लगा कि रहना मुश्किल हो गया है, तो वो अपने परिवार को लेकर भारत आ गए. ये बात 10 साल पुरानी है. उनके पिता भी कंधार से वापस मजार-ए-शरीफ़ चले गए थे. उन्हें वहाँ रह रहे अपने रिश्तेदारों की सुरक्षा को लेकर चिंता सता रही है, क्योंकि ख़बरों में उन्होंने अपने इलाक़े में तालिबान के क़ब्ज़े की बात सुनी है.More Related News