तालिबान पर आईएस के हमले, इसके पीछे का संदेश
BBC
काबुल में जब अफ़ग़ान सुरक्षाबल तालिबान के हमलों का सामना कर रहे थे तब आईएस भी अफ़ग़ान सरकार को निशाना बना रही थी.
जब काबुल में अशरफ़ ग़नी की सरकार थी तो अफ़ग़ान सुरक्षाबल नंगरहार और जलालाबाद में जहां एक तरफ़ तालिबान के हमलों का सामना कर रहे थे तो वहीं इस्लामिक स्टेट भी उस सरकार को निशाना बना रहा था.
15 अगस्त को तालिबान की ओर से काबुल का नियंत्रण संभालने के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान में इस्लामिक स्टेट ख़ुरासान (ISKP) ने सीधे तौर पर उसे अपना दुश्मन बना लिया है.
ये भी साफ़ है कि अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिका और सहयोगी देशों की फ़ौज के जाने के बाद देश में आईएस का ख़तरा साफ़तौर पर देखा जाने लगा था और तमाम सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर उसने बड़ा आत्मघाती हमला किया.
इस हमले में 13 अमेरिकी सुरक्षाबलों समेत 150 से ज़्यादा लोग मारे गए थे.
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