तालिबान के डर से मुल्क छोड़कर भाग रहे अफगानी सैनिक, कई देशों ने बंद किए अपने दूतावास, छुट्टी पर राजनयिक
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बल्ख प्रांत के प्रांतीय गवर्नर के तरजुमान मुनीर फरहाद ने मंगल को कहा कि उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, भारत और पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावासों ने अपनी सेवाएं कम कर दी हैं.
काबुलः अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज को निकलते ही तालिबान मुल्क में फिर से हावी होने लगे हैं. उत्तर अफगानिस्तान के इलाकों में तालिबान को मिलती जीत को देखते हुए कुछ देशों ने उस इलाके में वाके अपने वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया है. वहीं ताजिकिस्तान में आरक्षित सैनिकों को दक्षिणी सीमा पर सुरक्षा और चाक-चैबंद करने के लिए बुलाया जा रहा है. ताजिकिस्तान से आ रही खबरों के मुताबिक करीब 1000 अफगान सैनिक तालिबानों बलों के आगे बढ़ने के मद्देनजर सीमा पार कर ताजिकिस्तान भाग गए हैं. अफगान सैनिकों को इंसानी बुनियाद पर सीमा पार करने की इजाजत ताजिकिस्तान हुकूमत के जरिए सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया था कि राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन ने अफगानिस्तान से लगने वाली सीमा को और मजबूत करने के लिये 20 हजार आरक्षित सैनिकों को भेजने का हुक्म दिया है.तालिबान के उत्तरपूर्वी बदखशां प्रांत के ज्यादातर जिलों पर कब्जे के बाद अफगान सेना का यह पलायन सामने आया है. कई जिलों में अफगान सेना ने बिना किसी जंग के हथियार डाल दिए जबकि ताजिकिस्तान से लगने वाली प्रांत की उत्तरी सीमा पर अफगान नेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस फोर्सेज के सैकड़ों सैनिकों ने जान बचाने के लिए अपने मुल्क की सीमा पार कर ताजिकिस्तान में दाखिल हो गए हैं. ताजिक सरकार ने कहा कि अफगान सैनिकों को इंसानी बुनियाद पर सीमा पार करने की इजाजत दी गई.More Related News