
तालिबान के खतरे के बीच काबुल से कैसे एयरलिफ्ट हुए भारतीय, जानें इनसाइड स्टोरी
Zee News
यह पहला मौका नहीं है जब भारत ने काबुल (Kabul) स्थित अपने दूतावास से सभी कर्मचारियों को निकाला है. इससे पहले जब 1996 में तालिबान (Taliban) ने पहली बार सत्ता पर कब्जा किया था, तब भी भारत ने ऐसा ही कदम उठाया था.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) में जैसे ही हालात खराब होने शुरू हुए भारत सरकार (Indian Government) ने अफगान में फंसे भारतीयों को निकालने की तैयारियां शुरू कर दी थीं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवल लगातर हर स्थिति की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तक पहुंचा रहे थे. सरकार ये तय कर चुकी थी कि सभी भारतीयों को वापस देश लाना है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान का एयर स्पेस नहीं प्रयोग किया गया क्योंकि ITBP के कमांडो हथियारों के साथ भारत आ रहे थे, इस वजह से दूसरे रास्ते से सभी कमांडो और दूतावास के लोग भारत लाए गए. एयरफोर्स को गल्फ देशों के साथ-साथ ताजिकिस्तान में एयरफोर्स के ग्लोबमास्टर को लैंड कराने को कहा गया ताकि बेहद कम समय में ही भारतीयों को काबुल से निकाला जा सके.
36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.








