तालिबान - अफ़ग़ानिस्तान की इन औरतों ने क्यों उठा लिए हैं हथियार?
BBC
तालिबान के वापस देश पर क़ब्ज़ा कर लेने के डर से अफ़ग़ानिस्तान की कई महिलाएं बेहद डरी हुई हैं. उनका कहना है कि तालिबान के आ जाने के बाद वे कुछ नहीं कर पाएंगी.
"अफ़ग़ान महिलाएं तालिबान से किसी अच्छाई की उम्मीद नहीं रखती हैं, हम न तो अपनी यूनिवर्सिटी में जा सकेंगे और ना ही हमें काम पर जाने की इजाज़त होगी. इसलिए अब महिलाएं सामने आई हैं और अपनी अफ़ग़ान नेशनल आर्मी का समर्थन कर रही हैं, ताकि तालिबान की कार्रवाइयों को रोका जा सके." ये शब्द हैं काबुल यूनिवर्सिटी की एक छात्रा और सामाजिक कार्यकर्ता सईद ग़ज़नीवाल के, जो हथियार उठाने वाली महिलाओं का समर्थन कर रही हैं. उनका कहना है कि "हमें तालिबान की नीतियों और सरकार के बारे में अच्छी तरह से अंदाज़ा है." अफ़ग़ानिस्तान में चल रहे तनाव और तालिबान के आगे बढ़ने के बाद, जहां अफ़ग़ानिस्तान में डर का माहौल है, वहीं कुछ महिलाएं भी प्रतीकात्मक रूप से मैदान में आ गई हैं. पिछले दिनों सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें अफ़ग़ान महिलाएं हथियार लिए खड़ी हैं. उनमें से ज़्यादातर के हाथों में कलाश्निकोव राइफ़लें और अफ़ग़ानिस्तान का झंडा हैं. ये महिलाएं अफ़ग़ान नेशनल आर्मी के समर्थन में आगे आई हैं और उनका कहना है कि सरकार अकेले तालिबान से नहीं लड़ सकती, इसलिए वे अपनी सरकार और सेना के साथ खड़ी हैं.More Related News