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तबाही मचाने वाले चक्रवातों के नामकरण की क्या है प्रक्रिया? जानिए भारत में नाम कैसे दिए जाते हैं!
Zee News
How are cyclones named: मौसम विभाग ने ‘मोंथा’ तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है. इससे पहले मोका, बुलबुल, लीजा, हुदहुद, कटरीना और निवान जैसे नाम आए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये नाम कैसे चुने जाते हैं? भारत में कब से शुरू हुई यह नाम देने की परंपरा?
चक्रवात सिर्फ तबाही मचाने के साथ अपने नामों की वजह से भी चर्चा में रहते हैं. हाल ही में मौसम विभाग ने ‘मोंथा’ तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है. इससे पहले मोका, बुलबुल, लीजा, हुदहुद, कटरीना और निवान जैसे नाम आए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये नाम कैसे चुने जाते हैं? भारत में कब से शुरू हुई यह नाम देने की परंपरा? : देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें .

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









