तबलीग़ी जमात पर सऊदी अरब ने किस डर से लगाया है प्रतिबंध?
BBC
सऊदी अरब ने देश में अहबाब के नाम से प्रसिद्ध तबलीग़ी जमात के कामकाज को अवैध बताया है. आख़िर किन वजहों से ये फ़ैसला सऊदी शासन ने लिया?
"सऊदी अरब का मुल्क एक ही जमात (दल) और रास्ते पर चल रहा था तभी बाहर से कुछ जमातें आईं, इस एक जमात और एक मज़हब पर चलने वाले लोगों को बांटने की कोशिश की गई ताकि उनकी (सऊदी नागरिकों) एकता टुकड़े-टुकड़े की जा सके. इन प्रसिद्ध जमातों में से एक तबलीग़ी जमात भी है जो अपने आप को इस मुल्क (सऊदी अरब) में अहबाब (मित्र) के नाम से पुकारते हैं."
"यह जमात मूल रूप से हिंद (भारतीय उपमहाद्वीप) से है. तबलीग़ जमात इस्लाम के पैग़ंबर के कई तरीक़ों के ख़िलाफ़ चलती है. ये जमात बिना ज्ञान के दावत के लिए निकलती है. ये अल्लाह और इस्लाम के पैग़ंबर के तरीक़ों के ख़िलाफ़ है. ये वो जमात है जिससे आतंकवादी समूह भी पैदा हुए. उनके साथ चलने वाले लोग ज्ञान की कमी का शिकार होकर तकफ़ीरी (किसी मुसलमान को धर्म भ्रष्ट कहने वाला) जमातों का भी शिकार हो जाते हैं."
"इसी वजह से आतंकी सगंठनों के लोग जो कि यहां (सऊदी अरब) की जेलों में बंद हैं, उनके बारे में जांच की गई तो पता चला कि ये पहले तबलीग़ी जमात में शामिल थे. इस मुल्क (सऊदी अरब) की फ़तवा देने वाली कमिटी ने फ़ैसला किया है कि इस जमात (तबलीग़ी जमात या अहबाब) के साथ शामिल होना वैध नहीं है."
"हम पर अनिवार्य है कि हम उनके निमंत्रण को क़बूल न करें. ये जमात और इस जैसी जमातें हमारी एकता को टुकड़े-टुकड़े कर देंगी. ये किसी भी सूरत में वैध नहीं है."