ड्राइविंग लाइसेंस समेत RTO से बाकी काम करवाने वाले हो जाये सावधान, फ्रॉड से उड़ सकते हैं पैसे
Zee News
Online Fraud: अगर आप भी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लीजिए. आजकल कुछ फर्जी वेबसाइट एक्टिव हैं जो लोगों को अपना शिकार बना रही हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं कि असली और फर्जी वेबसाइट में अंतर कैसे किया जाए, ताकि आप इनका शिकार न हों.
नई दिल्ली. Online Fraud: आज कल हर कोई अपने खुद के वाहन से सफर करना चाहता है, जिसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) की जरूरत होती है. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. इस बात का फायदा कुछ ठग उठाते हैं और लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं. दरअसल, इंटरनेट पर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाली ऑफिशियल वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट एक्टिव हैं. ये फर्जी वेबसाइट लाइसेंस बनाने के नाम पर लोगों के साथ फर्जीवाड़ा करती हैं.
वैसे तो ऑनलाइन कई तरह के शातिर चोर अपने काले कारनामे को अंजाम देते रहते हैं. ऐसे ही गाजियाबाद के राजनगर में रहने वाले 30 साल के कपिल त्यागी ने 3300 लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना लिया, जब तक सड़क और परिवहन मंत्रालय को इसकी जानकारी मिल पाती तब तक कपिल त्यागी ने 70 लाख से ज्यादा रुपए कमा लिए थे. परिवहन मंत्रालय के डायरेक्टर पीयूष जैन ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर सेल में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच में पता चला कि ज्यादातर लोगों ने गूगल पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सर्च किया. सर्च इंजन पर e-parivahanindia.online, और Sarathiparivahan.com नाम की वेबसाइट का लिंक सबसे ऊपर आता था, जिसको असली सरकारी वेबसाइट मानकर पीड़ित व्यक्ति उस पर अपनी डिटेल्स भरकर पैसों का भुगतान कर देता था, जिसके बाद भी काम नहीं होने पर लोगों ने इसकी शिकायत ट्रांसपोर्ट मंत्रालय से की. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद साइबर सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने एसीपी रमन मल्होत्रा के नेतृत्व में एक टीम बनाई. जांच में पता चला कि इस धोखाधड़ी का मास्टर माइंड कपिल त्यागी है जिसको साइबर सेल ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की जांच में पता चला कि कपिल ने अपने अलग-अलग बैंक एकाउंट में पैसो को ट्रांसफर भी किया था.