टोक्यो में प्रदर्शन अच्छा लेकिन ज़मीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना ज़रूरी: कर्णम मल्लेश्वरी
The Wire
ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी पूर्व भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी ने कहा कि खिलाड़ी अपने बलबूते, संघर्ष कर के पहचान बनाते हैं तब जाकर उन्हें किसी से मदद मिलती है, जबकि होना यह चाहिए कि ज़मीनी स्तर पर ही ध्यान देकर प्रतिभा की पहचान की जाए. ज़मीनी स्तर पर सही व्यवस्था नहीं होने के कारण ज़्यादातर प्रतिभाएं सामने नहीं आ पाती हैं.
नई दिल्ली: ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी पूर्व भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी टोक्यो 2020 में भारत के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं, लेकिन उनका मानना है कि देश को खेलों की महाशक्ति बनने के लिए जमीनी स्तर इसे बढ़ावा देने के साथ प्रतिभाओं की पहचान करना जरूरी है. टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा (भाला फेंक) के स्वर्ण सहित सात पदक जीतकर भारत ने इन खेलों में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 में सिडनी में हुए ओलंपिक खेलों में भारोत्तोलन (69 किग्रा वर्ग) में कांस्य पदक जीता था. वह सिडनी खेलों में पदक जीतने वाली इकलौती भारतीय खिलाड़ी थीं. टोक्यो ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर हमारे खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, हालांकि हमने जितना अनुमान लगाया था, उतने पदक नहीं आए. हमने सोचा था कि 10 से 12 पदक आएंगे.’More Related News