टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने दिखाया दम, लेकिन सहयोग क्यों है कम?
BBC
भारत के खिलाड़ियों के प्रशिक्षण से लेकर आर्थिक सहायता के लिए जो योजनाएँ हैं, क्या वो काफ़ी हैं?
टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने 19 मेडल जीतकर इतिहास रचा है. शूटर अवनि लेखारा पहली भारतीय महिला बनीं, जिन्होंने एक ही पैरालंपिक में दो मेडल जीते हैं . राजस्थान से आने वाली अवनि महज़ 19 साल की हैं. अवनि जब 11 साल की थीं, तब एक कार हादसे में उनके कमर से नीचे के हिस्से को लकवा मार गया था. बीबीसी से फ़ोन पर बातचीत में अवनि कहती हैं कि हादसे के बाद उन्होंने दो साल घर पर रह कर पढ़ाई की. वे कम बोलती हैं तो पिता चाहते थे कि वे किसी खेल में मन लगाएँ और उनके पिता ने ही शूटिंग में उनका दाखिला करा दिया. अवनि बताती हैं कि धीरे-धीरे उनका रुझान बढ़ने लगा और फिर उन्होंने खेल को गंभीरता से लेना शुरू किया. साथ ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता चला गया. राजस्थान यूनिवर्सिटी से क़ानून की पढ़ाई कर रहीं अवनि कहती हैं, ''अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी प्रतियोगिता में ये मेरा पहला गोल्ड है. मेरा सिर्फ़ खेल पर ध्यान था. अब मैं ख़ुश हूँ. पाँच साल से तैयारी कर रही थी. यहाँ तक पहुँचने में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन मेरे अभिभावकों ने हमेशा मेरा सहयोग किया है. आपको कड़ी मेहनत और ख़ुद पर विश्वास रखना पड़ता है.''More Related News