झारखंड: यहां राशन के लिए 30 किलोमीटर चलना पड़ता है पैदल: ग्राउंड रिपोर्ट
BBC
ये हाल है झारखंड के उस इलाक़े का जहां स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने 4,000 करोड़ के निवेश का एलान किया है.
दो महीने का बच्चा कमर से बँधा हुआ है. मां के हाथ में खाली झोला है. सफ़र लंबा है और कहीं-कहीं बारिश हो रही है. बारिश से बेफिक्र नंगे पैर शनि हंसदा चली जा रही हैं. साथ में कुछ और औरतें भी हैं. विकलांग और बुज़ुर्ग भी. इस सफ़र में कई 'मुसाफ़िर' हैं. 30 किलोमीटर भी नंगे पैर पैदल चलने पर इन परिवारों को हर वयस्क सदस्य के हिसाब से राशन की दुकान पर चार-चार किलो चावल मिलता है. ये हाल सारंडा जंगल के उस इलाक़े का है, जहां इसी 30 अगस्त 2021 को स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया यानी सेल ने चार हज़ार करोड़ रुपये के निवेश का एलान किया है. इस निवेश से झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के गुआ खदान में लौह अयस्क निकालने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा और प्लांट लगेगा ताकि दुनिया की मुश्किलों को आसान करने वाले साजो-सामान बनाए जाएं. लेकिन इससे इलाक़े के चेरबालोर, धरनादीरी, कादोडीह, लोहराबेरा, बालेहातू, चिंगरीदोर, सांगादोरा गांव के लोगों की ज़िंदगी कितनी बदलेगी, इसका दावा कोई नहीं कर सकता. पेट भरने के लिए पांच घंटे का सफ़रMore Related News